IMF चीफ़ बोलीं- ‘ये तो बस शुरुआत है’
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक ‘ब्राइट स्पॉट’ बताते हुए इसकी तीव्र विकास दर की सराहना की है. IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कहा कि वैश्विक विकास में भारत का योगदान महत्वपूर्ण है.
Sandhyamidday@Newdelhi@अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक पर अपनी मुहर लगाई है. आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताते हुए इसकी जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जो दुनिया के लिए एक अच्छी ख़बर है. लेकिन इस तारीफ़ के साथ ही जॉर्जीवा ने भारत को भविष्य के लिए एक अहम संदेश भी दिया है. उनका कहना है कि इस रफ़्तार को बनाए रखने और इसे और तेज़ करने के लिए भारत को कुछ गहरे और ज़रूरी सुधारों पर तेज़ी से काम करना होगा.


आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा

अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने एक बार फिर भारतीय अर्थव्यवस्था की चमक पर अपनी मुहर लगाई है. आईएमएफ की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने भारत को दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बताते हुए इसकी जमकर सराहना की है. उन्होंने कहा कि भारत वैश्विक विकास में एक महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है, जो दुनिया के लिए एक अच्छी ख़बर है. लेकिन इस तारीफ़ के साथ ही जॉर्जीवा ने भारत को भविष्य के लिए एक अहम संदेश भी दिया है. उनका कहना है कि इस रफ़्तार को बनाए रखने और इसे और तेज़ करने के लिए भारत को कुछ गहरे और ज़रूरी सुधारों पर तेज़ी से काम करना होगा.null
भारत की तेज़ रफ़्तार पर दुनिया की नज़र
पूरी दुनिया जब आर्थिक अनिश्चितताओं के दौर से गुज़र रही है, तब भारतीय अर्थव्यवस्था एक मज़बूत स्तंभ की तरह खड़ी है. आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने इस बात को रेखांकित करते हुए कहा कि भारत वैश्विक आर्थिक विकास में एक बड़ी और सकारात्मक भूमिका निभा रहा है. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दुनिया की कई बड़ी अर्थव्यवस्थाएं धीमी विकास दर से जूझ रही हैं. आईएमएफ का मानना है कि दुनिया इस समय लगभग 3% की विकास दर पर अटक गई है, ऐसे में भारत का प्रदर्शन पूरी दुनिया को सहारा दे रहा है. हालांकि, आईएमएफ ने यह भी साफ़ किया है कि वैश्विक मंच पर भारत को अपनी व्यापारिक क्षमताओं का और विस्तार करना होगा. उन्होंने संकेत दिया कि भारत ने अभी भी व्यापार के क्षेत्र में कुछ बाधाएं बनाए रखी हैं, जैसे कि टैरिफ और कुछ अन्य प्रतिबंध. इन बाधाओं को हटाकर भारत दुनिया के साथ और बेहतर तरीके से जुड़ सकता है, जिससे देश में निवेश और विकास की नई संभावनाएं पैदा होंगी.