उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व डास्प चेयरमैन मनोज कुमार सिंह को 10 करोड़ की नोटिस मामले में नया मोड़ आया गया। पूरे प्रकरण पर कृषि उत्पादन आयुक्त ने सफाई दी है। समीक्षा के बाद पूर्व के आदेश को निरस्त कर दिया है।
Sandhyamidday@ लखनऊ@उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव और पूर्व डास्प चेयरमैन मनोज कुमार सिंह को 10 करोड़ की नोटिस के मामले में नया मोड़ आ गया है। कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने इस मामले में सफाई दी है। उन्होंने प्रकरण की समीक्षा करने के बाद आदेश को तत्पल तत्काल प्रभाव से निरस्त कर दिया है। विभाग द्वारा बताया गया है कि 10 करोड़ की राशि पूर्व में खर्च की जा चुकी है।

दरअसल, उद्यान एवं खाद्य संस्करण विभाग के अपर मुख्य सचिव बीएल मीणा ने यूपीडास्प के प्रबंध वित्त व तकनीकी समन्वयक शैलेन्द्र प्रताप सिंह से दस करोड़ रुपये वसूलकर जमा करने के लिए कहा था। इसी पत्र के आधार पर मनोज कुमार सिंह को नोटिस भेजा गया था। नोटिस में कहा गया है कि यूपीडास्प (उत्तर प्रदेश विविध कृषि सहायता परियोजना) को खाद्य प्रसंस्करण नीति के क्रिन्यावयन के लिए 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई थी। इस धनराशि को खर्च करने में अनियमितता बरती गई है, इसलिए 10 दिनों में इसे जमा कर दिया जाए।
इसके बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। मामले को लेकर ब्यूरोक्रेसी चर्चाएं तेज हो गईं। इसके पीछे पुरानी अदावत की बात की भी चर्चा आई। इसके बाद अब इस मामले नया मोड़ आ गया। गुरुवरर को कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार का एक पत्र सामने आ गया। इस पत्र सारी बात स्पष्ट की गई है। आयुक्त की ओर सफाई दी गई है। कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार ने पत्र में कहा कि पूरे प्रकरण की समीक्षा की गई है। पूरा प्रकरण स्पष्ट है इसलिए पूर्व के आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किए जाते हैं।

